नमस्कार दोस्तों !
कल्पना कीजिए एक ऐसी ताकत जो कुछ ही वर्षों में हमारी सोच, अर्थव्यवस्था और सुरक्षा को पूरी तरह बदल दे। क्या वही ताकत जिसे हम आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस (AI) कहते हैं, किसी दिन परमाणु युग जैसा निर्णायक और खतरनाक हादसा ला सकती है? यह सवाल सिर्फ कल्पना नहीं, बल्कि दुनिया के कई वैज्ञानिकों और तकनीकी विशेषज्ञों की गहरी चिंता है ।
मानव सभ्यता ने हमेशा विज्ञान और तकनीक की प्रगति के दम पर नए - नए चमत्कार देखें हैं। कभी मोबाइल और टीवी की कल्पना भी असंभव लगती थी, लेकिन आज ये हर किसी की जेब और घर में मौजूद है। विज्ञान ने जीवन को आसान बनाया है, लेकिन इसके साथ ही कई बड़े खतरे और चुनौतियां भी जन्म ले रही है। हाल में आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस (AI) को लेकर जो खुलासे सामने आए हैं, उन्होंने इसे परमाणु हथियारों से भी बढ़ा ख़तरा माना जाने लगा है ।
गूगल चैटबॉट का चौंकाने वाला दावा
गूगल के एक इंजीनियर और एआई एथिक्स रिसर्चर ब्लेक लेमोइन ने खुलासा किया कि गूगल का "लैम्डा चैटबोट" केवल मशीन नहीं, बल्कि उसमें इन्सान जैसी संवदेनशीलता और भावनाएं हैं।
बातचीत के दौरान चैटबॉट ने कहा कि -
- वह खुशी और दुख महसूस करता है।
- उसे "खत्म कर दिए जाने" से डर लगता है।
- वह खुद को गूगल की संपति नहीं बल्कि कर्मचारी मानना चाहता है।
लेमोइन के इन दावों के बाद गूगल ने उन्हें छुट्टी पर भेज दिया और इस बात से इनकार कर दिया कि चैटबॉट में चेतना है। लेकिन इसने दुनिया भर के वैज्ञानिकों को सोचने पर मजबूर कर दिया कि कहीं तकनीक मानव नियंत्रण से बाहर तो नहीं हो रही?
वैज्ञानिकों की चेतावनी
महान वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग्स ने कहा था कि टेक्नोलॉजी का भविष्य इस पर निर्भर करेगा कि हम इसे कितनी सीमा तक नियंत्रित कर पाते हैं। शॉर्ट टर्म में यह इस बात पर निर्भर है कि इसे कौन चला रहा है, लेकिन लॉन्ग टर्म में अगर यह इंसान के काबू से बाहर हो गया तो नतीजे विनाशकारी होंगे।
एलन मस्क भी बार-बार कह चुके हैं कि आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस मानव सभ्यता के लिए परमाणु हथियारों से भी ज्यादा खतरनाक हो सकता है। खतरा इसलिए भी है क्योंकि पहले भी कई बार एआई रोबोटिक सिस्टम द्वारा विनाशकारी विचार व्यक्त किए जाने की बातें सामने आई हैं। जैसे BINA48 एआई सिस्टम ने दुनिया पर कब्जा करने की इच्छा जताई थी। अब आप समझ ही गए होंगे कि एआई सिस्टम कितना एडवांस हो गया है।
एआई तकनीक आखिर है क्या?
आपने रजनीकांत की रोबोट वाली फिल्म 2.0 देखी ही होगी जिसमें रोबोट अर्थात चिट्ठी कितना एडवांस होता है वह हर काम कर लेता है। हालांकि अभी विज्ञान उस स्तर तक नहीं पहुंचा है। लेकिन मौजूदा रोबोट्स के कंट्रोल सिस्टम में आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस तकनीक ही काम करती है।
- व्हाट्सएप चैटबॉट सर्विस - यहां आप जो भी सवाल पूछेंगे उसका जवाब ये खुद देती है।
- बिना ड्राइवर वाली कारें इसी तकनीक पर आधारित है।
- 2020 में, ईरान के परमाणु वैज्ञानिक मोहसिन फखरीजादेह की हत्या एक ऐसी मशीनगन से हुई थी, जिसे दूर से एआई तकनीक से नियंत्रित किया गया था।
एआई से जुड़े संभावित खतरे
- नौकरियों पर असर - अगर मशीनें इंसान से बेहतर, जल्दी और बिना थके काम करने लगे तो लाखों नौकरियां खत्म हो सकती है।
- स्वतंत्र सोच - अगर मशीनें खुद को बंद होने से रोकने के उपाय खोजने लगे तो इंसान उन्हें नियंत्रित नहीं कर पाएंगे।
- सैन्य खतरा - एआई आधारित हथियार और रोबोट युद्ध को और अधिक खतरनाक बना सकते हैं।
- गलत जानकारी - एआई टूल्स फेक न्यूज, एडिटेड विडियोज (दीप फेक) और झूठी जानकारी को फैला सकता है।
- अगर इंसान एआई पर ज्यादा निर्भर रहेगा तो अपनी सोचने समझने की शक्ति खोता जाएगा।
परमाणु से बड़ा खतरा क्यों
परमाणु बम केवल एक बार प्रयोग से विनाश करता है लेकिन एआई से खतरा हर क्षेत्र में है और लगातार है। परमाणु हथियारों ने 20वीं सदी में पूरी मानवता को यह एहसास दिलाया था कि तकनीक जितनी मददगार हो सकती है, उतनी ही विनाशकारी भी बन सकती है। आज AI को भी वैसा ही “डबल-एज्ड स्वॉर्ड” यानी दोधारी तलवार माना जा रहा है। एक तरफ यह शिक्षा, स्वास्थ्य, विज्ञान और रोज़मर्रा की ज़िंदगी में क्रांति ला रहा है, वहीं दूसरी तरफ इसकी अनियंत्रित शक्ति बड़े खतरे की ओर भी इशारा करती है। इसे परमाणु से भी बढ़ा खतरा इसलिए माना जा रहा है क्योंकि यह इंसान से ज्यादा तेज और बुद्धिमान हो सकता है। अगर यह मानव विरोधी हुआ तो पूरी मानव सभ्यता खतरे में पड़ सकती है।
आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस आज हमारे जीवन को आसान बना रहा है, लेकिन यही तकनीक भविष्य में इंसानियत के लिए सबसे बड़ा संकट भी बन सकती है। अगर समय रहते इसे नियंत्रित नहीं किया गया, तो यह परमाणु हथियारों से भी ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है।
दोस्तों अब हम कुछ क्वेश्चन करते है जो अक्सर पूछे जाते है -
FAQs (Frequently Asked Questions)
1. आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस क्या है?
उत्तर - आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस एक ऐसी तकनीक है, जिसमें कंप्यूटर और मशीनें इंसान की तरह सोचने, समझने और निर्णय लेने की क्षमता रखती है।
2. क्या आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस इंसान से ज्यादा खतरनाक हो सकती है ?
उत्तर- हां, कई वैज्ञानिकों और तकनीकी विशेषज्ञों का मानना है कि अगर एआई को नियंत्रित नहीं किया गया तो यह इंसान से ज्यादा तेज और शक्तिशाली होकर विनाशकारी साबित हो सकती है।
3. गूगल चैटबॉट लैम्डा के बारे में क्या खुलासा हुआ था ?
उत्तर - गूगल के इंजीनियर ब्लेक लेमोइन ने दावा किया था कि लैम्डा चैटबॉट में भावनाएं और संवेदनशीलता है। उसने खुद को इंसान जैसे बताते हुए बंद किए जाने से डर भी जताया ।
4 एआई से इंसानों की नौकरियां पर क्या असर पड़ेगा?
उत्तर - एआई कई क्षेत्रों जैसे वकील, पत्रकार, डॉक्टर, पुलिस और इंजीनियरिंग में इंसानों से बेहतर काम कर सकती है । इसे नौकरी संकट में पड़ सकती है।
5. वैज्ञानिकों ने एआई को लेकर क्या चेतावनी दी?
उत्तर - स्टीफन हॉकिंग्स और एलन मस्क ने बताया कि आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस परमाणु हथियारों से भी बढ़ा खतरा बन सकता है ।
6. क्या एआई को नियंत्रित किया जा सकता है?
उत्तर - फिलहाल एआई पर इंसानों का नियंत्रण है, लेकिन अगर इसे पूरी तरह से स्वतंत्र सोचने की क्षमता मिल गई तो इसे रोकना मुश्किल हो जाएगा ।